ट्रंप के टैरिफ्स से अमेरिका में महंगाई बढ़ी।
एक बार फिर अमेरिका में आर्थिक परेशानियां मुख्य एजेंडे पर हैं। इस बार महंगाई में फिर से तेजी देखने को मिल रही है, जिसकी वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ माने जा रहे हैं। बैंक ऑफ अमेरिका (BofA) के विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि यह वृद्धि उम्मीद से ज्यादा समय तक रह सकती है।
बैंक के विशेषज्ञों ने यह पूर्वानुमान अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) की अप्रैल रिपोर्ट से पहले जारी अपनी साप्ताहिक आर्थिक समीक्षा में दिया, जो 13 मई को प्रकाशित हुई थी। BofA के विश्लेषकों के अनुसार, टैरिफ्स के अर्थव्यवस्था पर प्रभाव का पूरा मूल्यांकन मई के अंत या जून में सामने आ सकता है।
हालांकि, बैंक का मानना है कि टैरिफ्स का महंगाई पर प्रभाव अस्थायी है। लेकिन विशेषज्ञों ने यह भी चेताया कि "ऐसे ठोस कारण हैं जिनकी वजह से यह प्रभाव उम्मीद से ज्यादा समय तक रह सकता है।"
इससे पहले, विश्लेषकों और बाजार सहभागियों को अमेरिका और ब्रिटेन के बीच संभावित ट्रेड डील से काफी उम्मीदें थीं, जिसमें कारों पर टैरिफ को 25% से घटाकर 10% करने की बात थी। हालांकि, इसका वर्तमान स्थिति पर खास असर नहीं पड़ा। BofA का मानना है कि इस फैसले ने "बाजारों को कुछ राहत दी" क्योंकि इससे संकेत मिलता है कि निकट भविष्य में और ट्रेड डील्स हो सकती हैं। विश्लेषकों के अनुसार, अल्पकालिक रूप में टैरिफ्स का असर आर्थिक आंकड़ों पर कारों की कीमतों में वृद्धि के ज़रिये दिख सकता है।
BofA के वर्तमान पूर्वानुमानों के अनुसार, टैरिफ को लेकर सबसे ज्यादा निराशा का दौर अब निकल चुका है। हालांकि, अप्रैल CPI रिपोर्ट कुछ मुश्किलें पैदा कर सकती है, हालांकि अभी तक ऐसा कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिला है। बैंक को उम्मीद है कि हेडलाइन और कोर महंगाई, दोनों में माह-दर-माह 0.2% की वृद्धि होगी। साथ ही, बैंक को यह भी उम्मीद है कि वार्षिक कोर महंगाई दर 2.8% पर स्थिर रहेगी, जबकि हेडलाइन महंगाई मामूली गिरकर 2.3% पर आ सकती है।
चूंकि फेडरल रिज़र्व ने ब्याज दरों को फिलहाल स्थिर रखा है, बैंक का मानना है कि निकट भविष्य में नियामक "देखो और इंतजार करो" की नीति अपनाएगा। BofA का निष्कर्ष है कि "मजूबत श्रम बाजार और बढ़ती महंगाई के मौजूदा परिदृश्य में 2025 में ब्याज दरों में कटौती की जरूरत नहीं है।"