ट्रंप कर्ज सीमा (डेट सीलिंग) खत्म करने की वकालत कर रहे हैं।
एक चौंकाने वाले बयान में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संभावित आर्थिक संकट से बचने के लिए संघीय कर्ज सीमा (फेडरल डेट सीलिंग) को पूरी तरह खत्म करने की मांग की है। सवाल ये है — क्या यह कदम वाकई असरदार साबित होगा?
ट्रंप का यह प्रस्ताव अमेरिका के कर्ज चुकाने में विफल रहने की बढ़ती आशंकाओं के बीच आया है। इसी चिंता को देखते हुए उन्होंने कर्ज सीमा को पूरी तरह खत्म करने की अपील की, ताकि किसी आर्थिक तबाही से बचा जा सके। उनका कहना है कि यह कदम देश की वित्तीय स्थिरता में मदद करेगा।
ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर लिखा:
"आर्थिक तबाही से बचने के लिए कर्ज सीमा को पूरी तरह समाप्त कर देना चाहिए। यह बेहद विनाशकारी है और इसे ऐसे राजनेताओं के हाथ में नहीं होना चाहिए जो इसका दुरुपयोग करना चाहते हैं। इसका हमारे देश पर और अप्रत्यक्ष रूप से पूरी दुनिया पर भी भयानक असर हो सकता है।"
विश्लेषकों के मुताबिक, अगर डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन कर्ज सीमा बढ़ाने पर सहमति नहीं बनाते हैं, तो अमेरिका अगस्त तक डिफॉल्ट (कर्ज अदायगी में चूक) के खतरे का सामना कर सकता है।
मार्च के अंत में कांग्रेसनल बजट ऑफिस (CBO) ने अनुमान जताया था कि अगर कर्ज सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया, तो संघीय सरकार अगस्त से सितंबर 2025 के बीच पैसों की कमी के चलते अपने दायित्वों को पूरा करने में असमर्थ हो सकती है। कर्ज सीमा उस अधिकतम राशि को दर्शाती है, जिसे सरकार अपने खर्चों को चलाने के लिए उधार ले सकती है। CBO का यह भी आकलन है कि 2034 तक अमेरिका का राष्ट्रीय कर्ज $50 ट्रिलियन से अधिक हो सकता है।