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ट्रंप का ट्रेड युद्ध उल्टा पड़ा: घाटा रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा।

ट्रंप का ट्रेड युद्ध उल्टा पड़ा: घाटा रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा।

अमेरिका के व्यापार घाटे के खिलाफ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अभियान उल्टा पड़ गया है — यह अब रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है! उनके आक्रामक ट्रेड फैसलों का उल्टा असर हुआ, जिससे और भी बड़े संकट खड़े हो गए हैं, जिन्हें अब तुरंत समाधान की जरूरत है।

यूएस ब्यूरो ऑफ इकनॉमिक एनालिसिस के अनुसार, 2025 की पहली तिमाही में अमेरिका का व्यापार घाटा 44.3% की तेज़ छलांग के साथ $450.2 अरब डॉलर तक पहुंच गया। यह घाटा अब GDP का 6% हो गया है — जो 2006 की तीसरी तिमाही के बाद सबसे ऊंचा स्तर है। तुलना के लिए, 2024 की चौथी तिमाही में यह घाटा GDP का 4.2% था।

इस भारी बढ़ोतरी का मुख्य कारण ट्रंप की राष्ट्रपति पद पर वापसी को माना जा रहा है। व्हाइट हाउस के मुखिया ने वादा किया था कि वे व्यापार घाटे को कम करेंगे, लेकिन उनका तरीका — कई ट्रेडिंग पार्टनरों पर भारी टैरिफ लगाना — बिल्कुल उल्टा असर लेकर आया।

इसके जवाब में, अमेरिकी कंपनियों ने विदेशी सामानों का जमकर आयात करना शुरू कर दिया, ताकि टैरिफ में उतार-चढ़ाव से बचने के लिए स्टॉक जमा किया जा सके। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि ट्रंप की टैरिफ नीति के दीर्घकालिक दुष्परिणाम हो सकते हैं। उनके टैरिफ बाज़ार की अपेक्षा से कहीं ज़्यादा कठोर थे, और फिर उनका अचानक हटाया जाना और भी ज़्यादा अराजकता लेकर आया — जिससे डॉलर की "सेफ-हेवन" करेंसी की छवि को भी गहरा झटका लगा।

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