OPEC+ ने अगस्त में उत्पादन बढ़ाने पर सहमति जताई।
पिछले शनिवार, OPEC+ ने अपने वैश्विक मुख्यालय में तेल कूटनीति की बैठक के बाद यह निष्कर्ष निकाला कि अगस्त से दुनिया को थोड़ा अधिक कच्चे तेल की आवश्यकता होगी। तेल निर्यातक देशों के इस समूह ने रोज़ाना 5,48,000 बैरल कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने पर सहमति जताई।
यह कदम गठबंधन की उस सतर्क योजना का हिस्सा है जिसके तहत वे उत्पादन को फिर से कटौती-पूर्व स्तरों तक लाना चाहते हैं। सऊदी अरब, रूस, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत, ओमान, इराक, कज़ाखस्तान और अल्जीरिया जैसे आठ अनुभवी तेल उत्पादक देश धीरे-धीरे अपना उत्पादन बढ़ाएंगे। अप्रैल से ही ये देश अपनी पहले की 22 लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती को धीरे-धीरे कम कर रहे हैं।
OPEC+ ने इस फैसले के पीछे आर्थिक स्थिरता, बाज़ार संकेतकों में सुधार, और घटते तेल भंडार को वजह बताया है। संक्षेप में कहें तो—स्थिति अब अनुकूल होती जा रही है, रफ़्तार बन रही है, और वैश्विक रुझान अंततः तेल के पक्ष में झुक रहे हैं।
निर्णय प्रक्रिया तब तेज़ हुई जब कुछ सदस्य देशों ने अपने निर्धारित उत्पादन लक्ष्यों से अधिक उत्पादन कर लिया। इससे संगठन के भीतर हलचल बढ़ी क्योंकि कोई भी सदस्य अपने हिस्से से चूकना नहीं चाहता था। इसलिए उत्पादन वृद्धि को सभी में समान रूप से बाँटा गया, ताकि बाज़ार भी सक्रिय बना रहे और साझेदार देशों के बीच संतुलन भी बना रहे।