ट्रांसअटलांटिक ट्रेड टेंशन बढ़ा, ट्रंप ने EU पर 30% टैरिफ लगाया।
यूरोपीय संघ और अमेरिका के बीच समृद्ध व्यापारिक संबंध अब गंभीर खतरे में हैं। यूरोपीय संघ के व्यापार आयुक्त मारोश शेफचोविच के अनुसार, वॉशिंगटन द्वारा 1 अगस्त से 30% टैरिफ (शुल्क) लगाने का फैसला इसके लिए ज़िम्मेदार है। उन्होंने चेतावनी दी कि ये टैरिफ लंबे समय से चले आ रहे, पारस्परिक रूप से लाभकारी ट्रांसअटलांटिक साझेदारी को खत्म कर सकते हैं।
शेफचोविच ने कहा कि इतना अधिक टैरिफ दर "व्यापार को असंभव बना देगी" और अमेरिका व यूरोपीय संघ के बीच का व्यापार लगभग बंद हो जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि यूरोपीय नेताओं को अमेरिकी राष्ट्रपति के इस व्यापक टैरिफ लगाने के फैसले से गहरा निराशा हुई है। फिर भी, यूरोपीय संघ अब भी बातचीत के लिए तैयार है।
गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में EU के सामानों पर 30% टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जो 1 अगस्त से प्रभावी होगा। ट्रंप ने यह भी कहा कि यदि यूरोपीय अधिकारी जवाबी कार्रवाई करते हैं, तो अमेरिका भी उसी अनुपात में अपने टैरिफ और बढ़ा देगा।
इसके जवाब में, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने वादा किया कि "EU के हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे, जिनमें आवश्यक होने पर उचित जवाबी उपाय भी शामिल हैं।" उन्होंने पहले ही चेतावनी दी थी कि EU के निर्यात पर टैरिफ "महत्वपूर्ण ट्रांसअटलांटिक आपूर्ति श्रृंखलाओं को बाधित कर देंगे।" विशेषज्ञों का निष्कर्ष है कि इस टकराव का नुकसान दोनों ओर की कंपनियों और उपभोक्ताओं को समान रूप से झेलना पड़ेगा।