ट्रम्प ने भेदभावपूर्ण ‘डीबैंकिंग’ को लेकर बैंकों पर निशाना साधा।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अपने खतरों के दायरे को और बढ़ा रहे हैं। व्हाइट हाउस ने मसौदा कानून जारी किया है, जिसके तहत वित्तीय नियामकों को समान क्रेडिट अवसर कानून, एंटीट्रस्ट नियमों और उपभोक्ता वित्तीय संरक्षण कानूनों के उल्लंघनों की जांच करना अनिवार्य होगा। अधिकारियों से उम्मीद है कि वे उल्लंघन करने वालों के खिलाफ जुर्माने से शुरुआत करते हुए विभिन्न कार्रवाई करेंगे।
द वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी कंपनियों की डीबैंकिंग (बैंकिंग सेवाओं से वंचित करना) पर नकेल कसना ट्रम्प के चुनावी वादों में से एक था। अमेरिकी राष्ट्रपति ने उस चीज़ को खत्म करने का वादा किया है जिसे वह “ऑपरेशन चोक पॉइंट 2.0” कहते हैं। यह उस श्रृंखला के उपायों को संदर्भित करता है, जो राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यकाल में अपनाए गए थे, और जिनका उद्देश्य क्रिप्टो कंपनियों को वैश्विक वित्तीय प्रणाली के हाशिए पर धकेलना था।
अब राजनीतिक माहौल बदल चुका है। विश्लेषकों का कहना है कि मौजूदा प्रशासन पहले ही ट्रम्प के प्रस्ताव के कुछ तत्व अपनाने पर विचार कर चुका था, लेकिन अंततः इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
इससे पहले, अमेरिकी कंपनी स्ट्रैटेजी के संस्थापक और एग्जीक्यूटिव चेयरमैन माइकल सेलर ने अधिकारियों से क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक आधिकारिक वर्गीकरण लागू करने का आग्रह किया था। उनका कहना है कि इस तरह के ढांचे की कमी, कॉर्पोरेट निवेशकों को डिजिटल एसेट्स में पूंजी लगाने से रोक रही है।