अमेरिका में ट्रेड अनिश्चितता के बीच निवेशकों का रुख यूरोप की ओर हुआ
अमेरिकी डॉलर एक बार फिर अपनी वैश्विक बढ़त बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहा है, लेकिन यह लड़ाई अब पहले से कहीं अधिक कठिन होती जा रही है। सतह पर टिके रहने की तमाम कोशिशों के बावजूद, डॉलर यूरो के मुकाबले लगातार कमजोर हो रहा है, जो हाल के हफ्तों में मजबूत उभरकर सामने आया है। विश्लेषकों के अनुसार, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अप्रत्याशित नीतियाँ डॉलर की गिरावट का मुख्य कारण हैं, जबकि यूरो ने इस मौके का फायदा उठाकर निवेशकों का ध्यान अपनी ओर खींचा है।
बाज़ार के अनुमानों के मुताबिक, ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों (20 जनवरी से 25 अप्रैल 2025) के दौरान अमेरिकी डॉलर इंडेक्स (DXY) में लगभग 9% की गिरावट आई — जो पिछले पचास वर्षों में इसकी सबसे खराब प्रदर्शन रही है।
ट्रंप प्रशासन के तहत वैश्विक ट्रेड ढांचे में आई गड़बड़ी ने डॉलर की "सेफ-हेवन" एसेट के रूप में भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसके उलट, यूरो ने इस अनिश्चितता के माहौल में खुद को एक आशाजनक विकल्प के रूप में स्थापित किया है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञ आगाह करते हैं कि अभी जश्न मनाना जल्दबाज़ी होगी, क्योंकि परिस्थितियाँ अचानक बदल भी सकती हैं।
फिर भी, कई विश्लेषक इस बात को लेकर संदेह में हैं कि वाशिंगटन की व्यापार नीतियों से उपजे अस्थिरता का हल जल्दी मिल पाएगा। यूरोपीय नेता और ईयू अधिकारी इस स्थिति का लाभ उठा रहे हैं और इसे यूरोपीय एसेट्स — जैसे यूरो-निर्धारित सिक्योरिटीज़ और संप्रभु बॉन्ड्स — में पूंजी आकर्षित करने का एक अवसर मान रहे हैं।
इस रणनीति के काम करने के संकेत पहले ही दिखने लगे हैं। अप्रैल की शुरुआत से अब तक यूरो डॉलर के मुकाबले 5.4% मज़बूत हो चुका है, जिससे EUR/USD जोड़ी $1.1300 के ऊपर पहुँच गई — जो 2021 के अंत के बाद इसका सबसे ऊँचा स्तर है।
आगे की ओर देखते हुए, कुछ पूर्वानुमान यूरो को वैश्विक निवेशकों द्वारा पसंद की जाने वाली शीर्ष तीन "सेफ-हेवन" संपत्तियों में से एक मानते हैं — स्वर्ण और स्विस फ्रैंक के साथ। सोना हाल ही में $3,300 प्रति औंस के ऊपर पहुंच गया है, जबकि स्विस फ्रैंक डॉलर के मुकाबले लगभग 7% मजबूत हो चुका है।
यूरो की अपील को और बढ़ावा दे रहा है जर्मनी का €1 ट्रिलियन तक के नए संप्रभु बॉन्ड्स जारी करने की योजना। इन सिक्योरिटीज़ को अब यूरो में मूल्यांकित सबसे सुरक्षित निवेश विकल्प माना जा रहा है।