
अमेरिका और सऊदी अरब के बीच 600 अरब डॉलर के समझौतों पर हस्ताक्षर।
अमेरिका और सऊदी अरब के ट्रेड संबंधों में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। दोनों देशों ने कुल 600 अरब डॉलर के समझौतों और निवेश प्रतिबद्धताओं पर हस्ताक्षर किए हैं, जो अब तक का एक रिकॉर्ड स्तर है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सऊदी अरब यात्रा के दौरान, दोनों देशों ने व्यापक समझौतों और निवेश वादों के एक बड़े पैकेज पर हस्ताक्षर किए, जिसे एक अहम प्रगति के रूप में देखा जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह अमेरिका-सऊदी सहयोग के इतिहास में सबसे बड़े आर्थिक सौदों में से एक है।
ये अनुबंध रक्षा, ऊर्जा, तकनीक और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों को कवर करते हैं। वाशिंगटन इसे द्विपक्षीय संबंधों के "नए स्वर्ण युग की शुरुआत" के रूप में देख रहा है। खास बात यह है कि कुल राशि में से 142 अरब डॉलर — यानी एक चौथाई — केवल हथियारों के सौदों के लिए निर्धारित हैं।
इसके अलावा, दोनों पक्षों के बीच ऐसे समझौते भी हुए हैं जिनके तहत सऊदी अरब गैस टर्बाइन, बोइंग पैसेंजर जेट्स और अन्य चीज़ें खरीदेगा। इसके बदले में सऊदी कंपनी DataVolt अमेरिका में डेटा सेंटर्स और ऊर्जा बुनियादी ढांचे के विकास में 20 अरब डॉलर का निवेश करेगी।
पहले की रिपोर्टों में यह बताया गया था कि ट्रंप ने खाड़ी क्षेत्र की यात्रा का उद्देश्य पारस्परिक लाभ वाले सौदे सुनिश्चित करना बताया था। यह रणनीति कितनी कारगर सिद्ध होती है, यह तो समय ही बताएगा।