Ethereum अब अपने उत्कर्ष (prime) में प्रवेश कर सकता है।
Ethereum अब अपने सुनहरे दौर में प्रवेश करता दिख रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी में और तेजी आ सकती है।
ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, ETH ने पिछले एक महीने में 65% की बढ़त दर्ज की है। हालांकि, इसकी यह तेजी बिना रुकावट नहीं रही। Ethereum ने लंबे समय तक Bitcoin से पीछे रहकर समय बिताया, लेकिन अब यह फिर से नेतृत्व की भूमिका में लौट आया है और एक बार फिर सुर्खियों में है।
Bernstein के विश्लेषक गौतम छुगानी का मानना है कि Ethereum की पिछली कमजोर प्रदर्शन की वजह संरचनात्मक और बाज़ार-विशिष्ट कारकों का मेल है।
जहाँ Bitcoin $100,000 के पार पहुंचकर क्रिप्टो बाजार में अपनी बादशाहत साबित कर चुका था, वहीं Ethereum काफी पीछे छूट गया था। पिछले एक साल में ETH/BTC अनुपात 45% तक गिर गया था। हालांकि, अब हालात बदलते दिख रहे हैं। छुगानी के अनुसार, Ethereum की हालिया तेजी के पीछे तीन मुख्य वजहें हैं।
पहली वजह है – “क्रिप्टो नैरेटिव का Bitcoin से आगे बढ़ना”। पहले Bitcoin में तेजी ETF निवेश और कॉर्पोरेट ट्रेज़री एसेट के रूप में अपनाए जाने के कारण थी। लेकिन अब निवेशकों की रुचि अन्य उपयोगों की ओर बढ़ रही है। विश्लेषक के अनुसार, स्टेबलकॉइन आधारित पेमेंट्स और पारंपरिक सिक्योरिटीज का टोकनाइज़ेशन तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं।
दूसरी वजह है Ethereum पर आधारित लेयर 2 नेटवर्क्स का विस्तार, जिसमें बड़ी संस्थाएं भाग ले रही हैं। छुगानी बताते हैं कि Coinbase Ethereum पर आधारित “Base” नाम की एक Layer 2 चेन चला रहा है, जिससे 2024 में ~85 मिलियन डॉलर की सालाना आमदनी केवल sequencer फीस से हो रही है। Ethereum स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट प्लेटफॉर्म्स में नेतृत्व कर रहा है।
तीसरी वजह रणनीतिक है। छुगानी का अनुमान है कि पिछले 12 से 18 महीनों में, क्रिप्टो हेज फंड्स ने Bitcoin और Solana में लंबी पोजिशन ली थी, जबकि Ethereum को शॉर्ट किया गया था। लेकिन अब जब नैरेटिव वास्तविक उपयोग की ओर मुड़ रहा है, ये फंड्स दोबारा ETH की ओर लौट रहे हैं। साथ ही, रिटेल निवेशक भी तेजी से सक्रिय हो रहे हैं, और इनमें से अधिकतर गतिविधि Ethereum पर केंद्रित है।