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अमेरिकी डॉलर के सामने निराशाजनक संभावनाएँ हैं।

अमेरिकी डॉलर के सामने निराशाजनक संभावनाएँ हैं।

अमेरिकी डॉलर डूबने से जूझ रहा है। विश्लेषकों के अनुसार, ग्रीनबैक (US डॉलर) ने 20वीं सदी की शुरुआत के बाद से अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन किया है। विशेषज्ञ इससे भी ज़्यादा कमजोरी की संभावना जता रहे हैं। इसका मुख्य कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति है, जिसने निवेशकों को अमेरिकी डॉलर की एक सुरक्षित निवेश विकल्प (safe-haven asset) के रूप में स्थिति पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है। हालांकि वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंकाएं कम हो रही हैं, लेकिन बैंक ऑफ अमेरिका (BofA) के विश्लेषकों ने मंदी और महंगाई के एक साथ होने (stagflation) के गंभीर खतरे की चेतावनी दी है। इसके अलावा, टैरिफ के नकारात्मक प्रभाव अभी खत्म नहीं हुए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार डॉलर से पूंजी का बहिर्गमन एक चिंताजनक संकेत है।

BofA का कहना है, "हाल के हफ्तों में प्रमुख बाजार विषयों में से एक यह रहा है कि वैश्विक निवेशक अपने बड़े अमेरिकी डॉलर निवेशों का पुनर्मूल्यांकन कर रहे हैं। यह प्रवृत्ति अभी शुरू ही हुई है, लेकिन यह एक चिंताजनक संकेत है।" बैंक के मुद्रा विशेषज्ञ डॉलर को लेकर नकारात्मक दृष्टिकोण बनाए हुए हैं। विश्लेषकों ने कहा, "अमेरिकी आर्थिक विकास के लिए प्रतिकूल परिस्थितियाँ अभी भी बनी हुई हैं, और ट्रेडर्स अपने रियल-मनी डॉलर पोजीशनों को फिर से समायोजित करने की तैयारी कर रहे हैं।"

विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2025 की शुरुआत से ग्रीनबैक की बिकवाली ने 1999 से अब तक के सभी वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। "अमेरिकी डॉलर 1973 के बाद से अपनी सबसे खराब शुरुआत की ओर अग्रसर है। वहीं, डॉलर की वास्तविक प्रभावी विनिमय दर (real effective exchange rate) अब भी 22% अधिक मूल्यांकित है," BofA ने कहा।

बाजार में आम सहमति भी बदल रही है। एक हालिया BofA सर्वेक्षण के अनुसार, ग्रीनबैक पर शॉर्ट पोजीशन करेंसी और ब्याज दर दोनों बाजारों में हावी हैं। हालांकि हाल की गिरावट के बाद डॉलर में थोड़ी रिकवरी देखी गई, लेकिन विश्लेषकों ने आगे और गिरावट की उच्च संभावना की चेतावनी दी है।

इससे पहले BofA के विशेषज्ञों ने बताया था कि टैरिफ की वजह से अमेरिका में स्टैगफ्लेशन का खतरा प्रमुख उत्प्रेरक बना हुआ है, जो ग्रीनबैक को लेकर उनके नकारात्मक रुख को और मजबूती देता है। ट्रेड डील्स से आने वाली कोई भी आशा अल्पकालिक साबित हो सकती है। डॉलर की एक सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में स्थिति अब सवालों के घेरे में है, हालांकि यह अब भी बाजार में अग्रणी बना हुआ है, जिससे थोड़ी उम्मीद बनी हुई है। लेकिन वैश्विक निवेशक अपने पोर्टफोलियो का पुनर्मूल्यांकन कर रहे हैं और कई लोग अमेरिकी डॉलर पर शॉर्ट पोजीशन ले रहे हैं।

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