जर्मनी की अर्थव्यवस्था फिर से संकट में डूब गई
जर्मनी की अर्थव्यवस्था एक बार फिर संकट की गहराइयों में डूब रही है! देश के चांसलर फ़्रीडरिख़ मर्ज़ के अनुसार, जर्मनी अब कल्याणकारी राज्य (वेलफ़ेयर स्टेट) को वित्तपोषित नहीं कर सकता। अब क्या किया जाए, और आगे का रास्ता क्या है?
हाल ही में जर्मन चांसलर ने नागरिकों को चेतावनी दी कि सरकार अब वेलफ़ेयर स्टेट को सहारा नहीं दे पाएगी। क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (CDU) सम्मेलन में जर्मन नेता ने ज़ोर देकर कहा कि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की संकटग्रस्त स्थिति के कारण मौजूदा स्वरूप में वेलफ़ेयर स्टेट को वित्तपोषित करना संभव नहीं है। इसी परिप्रेक्ष्य में, मर्ज़ ने लाभ प्रणाली की समीक्षा की अपील की और याद दिलाया कि वर्ष 2024 में इस पर रिकॉर्ड 47 बिलियन यूरो खर्च किए गए।
पहले यह भी रिपोर्ट किया गया था कि 2017 से अब तक जर्मनी की GDP वृद्धि केवल 1.6% रही है। वहीं, अन्य यूरोपीय संघ देशों में यह आँकड़ा लगभग छह गुना अधिक रहा। हालात को और बिगाड़ने वाला तथ्य यह है कि जर्मनी की अर्थव्यवस्था लगातार तीसरे साल सिकुड़ रही है। वर्तमान में, जर्मनी की GDP 0.3% गिर चुकी है। इससे पहले 2023 में यह आँकड़ा 0.3% था और 2024 में 0.2% तक पहुँच गया था।